“आईपीएल 2022 के लिए मेगा ऑक्शन का आयोजन आगामी 12 एवं 13 फरवरी को बेंगलुरु में होना है. इस बार मेगा ऑक्शन में 590 खिलाड़ियों पर बोली लगेगी”
IPL 2022 Explainer: आईपीएल 2022 का सीजन काफी रोमांचक रहने वाला है. इस बार आठ की बजाय 10 टीमें भाग ले रही हैं. आईपीएल की शुरुआत से पहले मेगा ऑक्शन का आयोजन आगामी 12 एवं 13 फरवरी को होना है. क्रिकेट फैंस के साथ-साथ सभी फ्रेंचाइजी टीमों को आईपीएल ऑक्शन का बेसब्री से इंतजार है. आइए जानते हैं आईपीएल-22 IPL-2022 एवं उसके ऑक्शन से जुड़ी चीजों के बारे में-
IPL 2022 मार्च में शुरू होगा आईपीएल!
आईपीएल 2022 का आगाज मार्च के आखिरी सप्ताह में हो सकता और इसके मई के अंत तक चलने की संभावना है. अधिकांश टीम मालिकों ने इच्छा व्यक्त की है कि टूर्नामेंट भारत में आयोजित किया जाए. बीसीसीआई भी 2022 के संस्करण को भारत में कराने के लिए उत्सुक है, लेकिन कोरोना वायरस के खतरों को देखते हुए बीसीसीआई प्लान-बी पर भी काम कर रही है. प्लान-बी के मुताबिक बीसीसीआई आईपीएल को साउथ अफ्रीका या यूएई या श्रीलंका में आयोजित कर सकता है. आईपीएल नीलामी से पहले बोर्ड के आईपीएल वेन्यू को लेकर अंतिम फैसला लेने की उम्मीद है.
IPL 2022 में कुल 74 मैचों का आयोजन होगा
10 टीमों के भाग लेने के चलते आईपीएल के आगामी सीजन में 2011 वाला फॉर्मट वापस लौट आया है. आईपीएल 2022 में 10 टीमों के बीच कुल 74 मैच होंगे, जिसमें प्रत्येक टीम 7 घरेलू और 7 मैच बाहरी मैच खेलेगी. आईपीएल 2011 के सीजन में भी कुल 74 मुकाबलों का आयोजन हुआ था और सभी टीमों ने 14-14 लीग मुकाबले खेले थे.
खिलाड़ियों की मेगा नीलामी से पहले कुल 33 खिलाड़ियों को रिटेन/चुना गया है. 8 पुरानी आईपीएल फ्रेंचाइजी ने कुल 27 खिलाड़ियों को रिटेन किया है जबकि 2 नई आईपीएल टीमों ने नीलामी से पहले तीन-तीन खिलाड़ियों को चुना है. यह ध्यान देने वाली बात है कि इन 10 फ्रेंचाइजी टीमों ने 33 खिलाड़ियों को रिटेन करने के लिए लगभग 338 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी हैं.
त्वरित बोली क्या है?
बीसीसीआई को एक सूची सौंपी जाती है, जिसमें अनसोल्ड खिलाड़ियों की सूची में से उन खिलाड़ियों को नीलामी में वापस लाया जाता है, ताकि टीमें एक बार फिर से ऐसे खिलाड़ियों के बारे में सोच-विचार कर सकें. इस प्रक्रिया में बोली तेजी से होती है और टीमें आमतौर पर कुछ खिलाड़ियों को उनके आधार मूल्य पर ही खरीद लेती हैं. इस प्रक्रिया में कभी-कभी बोली-प्रक्रिया भी होती है, लेकिन यह दुर्लभ है. इस प्रक्रिया को एक से अधिक बार दोहराया जा सकता है.
क्या फ्रेंचाइजी अनसोल्ड खिलाड़ियों को खरीद सकती है?
हां, यदि कोई खिलाड़ी चोटिल या किसी कारणवश अनुपलब्ध हो जाता है, तो एक फ्रेंचाइजी अनसोल्ड खिलाड़ियों की सूची से किसी खिलाड़ी को साइन करके जगह की भरपाई कर सकती है. बशर्ते कि वे अपने स्क्वॉड में अधिकतम विदेशी खिलाड़ियों के बेंचमार्क को पूरा करती हो.
आईपीएल में प्लेयर ट्रांसफर कैसे काम करता है?
नियमों के अनुसार कोई भी खिलाड़ी जो अपने मूल टीम के लिए दो से कम मैचों में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा रहा हो या कंकशन विकल्प के रूप में खेल चुका है, उसे पारस्परिक रूप से सहमति शुल्क के जरिए दूसरी टीम को उधार दिया जा सकता है. जो फ्रेंचाइजी खिलाड़ी को उधार देगी, उसे सहमत राशि मिलेगी जहां कोई सैलरी कैप नहीं होगा.
शुरुआत में ट्रांसफर विंडो केवल अनकैप्ड खिलाड़ियों के लिए खोली गई थी, हालांकि अब कैप्ड खिलाड़ियों को भी ट्रांसफर किया जा सकता है. स्थानांतरित खिलाड़ी उस टीम के लिए खेलेगा जिसे लोन दिया गया है, लेकिन अगले सत्र में वह मूल टीम में वापस आ जाएगा. ट्रांसफर विंडो टूर्नामेंट के ठीक आधे सीजन के बाद खोली जाती है. 2022 सीजन के लिए यह तब खेला जाएगा, जब सभी 10 टीमों में प्रत्येक ने 9 मैच खेल लिए हों.
RTM (राइट टू मैच) क्या है?
आरटीएम फ्रेंचाइजी को एक ऐसे खिलाड़ी को वापस खरीदने का विकल्प देती है, जिसे वे रिटेन करने में कामयाब नहीं हुई लेकिन अपनी टीम में वापस लाना चाहती है. नीलामी में किसी खिलाड़ी के लिए उच्चतम बोली राशि निर्धारित होने के बाद उस टीम को उच्चतम बोली से मिलान करने का विकल्प दिया जाता है, जिस टीम के लिए खिलाड़ी ने पिछले सीजन भाग लिया था. यदि वे अपने आरटीएम कार्ड का उपयोग करना हैं, तो उनके पास वह खिलाड़ी फिर से आ सकता है.
यदि नहीं, तो सबसे अधिक बोली लगाने वाली टीम को उस खिलाड़ी को खरीदने का अधिकार होता है. जब आरटीएम कार्ड एक विकल्प के रूप में उपलब्ध होता है तो खिलाड़ी को वापस खरीदने के लिए कार्ड का उपयोग करने के लिए फ्रेंचाइजी को बोली समाप्त होने की प्रतीक्षा करनी रहती है. हालांकि, 2022 की नीलामी में आरटीएम कार्ड का विकल्प नहीं होगा, क्योंकि यह उन दो नई टीमों के लिए अनुचित होगा जो पहली बार आईपीएल में शामिल हुई हैं.
बिडिंग वॉर क्या है?
बिडिंग वॉर एक प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया है जहां दो या उससे अधिक फ्रेंचाइजी खुद को ऐसी स्थिति में बंद पाते हैं, जहां वे एक ही खिलाड़ी को खरीदना चाहते हैं. कभी-कभी बिडिंग वॉर में चार टीमें बंद हो जाती हैं. जैसे-जैसे बोलियां बढ़ती हैं एक या दो फ्रेंचाइजी बोली लगाना बंद कर देती हैं, जबकि शायद दो फ्रेंचाइजी बोली लगाना जारी रखती हैं. आमतौर पर ऐसा तब होता है जब कोई खिलाड़ी कई टीमों की पसंदीदा सूची में होता है और वे सभी उस खिलाड़ी को खरीदना चाहते हैं.
फ्रेंचाइजी आमतौर पर उन खिलाड़ियों के लिए नीलामी से पहले योजनाएं बनाती हैं, जिनको वे ऑक्शन में हर-हाल में खरीदना चाहती हैं. उन्हें इस बात का भी अच्छा अंदाजा होता है कि कौन सी टीमें कुछ खिलाड़ियों में दिलचस्पी ले सकती हैं. हालांकि मेगा नीलामी में इसकी बहुत बड़ी संभावना नहीं होती है, जब सभी फ्रेंचाइजी को नीलामी में अपनी लगभग 90% टीम का निर्माण करना होता है.
फ्रेंचाइजी स्टार खिलाड़ियों पर कितना खर्च करती हैं?
आमतौर पर ज्यादातर फ्रेंचाइजी अपने पर्स का लगभग 40% हिस्सा अपनी कोर टीम बनाने में खर्च करते हैं. इसमें आमतौर पर 5-6 खिलाड़ी शामिल होते हैं. तब बाकी पर्स का इस्तेमाल 20 विषम खिलाड़ियों को खरीदने में होता है. यदि 25 का एक दल बनाया जा रहा है, तो विषम खिलाड़ियों का मतलब उन खिलाड़ियों की सूची से होता है जिनके आधार मूल्य कम होते हैं. इनमें से ज्यादातर खिलाड़ियों अनकैप्ड खिलाड़ी होते हैं.
आईपीएल के इतिहास में अब तक की सबसे ज्यादा कीमत 17 करोड़ रुपए रही है. इसकी कमान दो भारतीय क्रिकेटरों ने संभाली है. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने विराट कोहली को पिछली मेगा नीलामी से पहले 17 करोड़ रुपए में रिटेन किया था. हालांकि, 2022 के संस्करण से विराट की सैलरी में 2 करोड़ रुपए की कटौती हुई क्योंकि आरसीबी ने उन्हें 15 करोड़ रुपए में बरकरार रखा. हाल ही में लखनऊ फ्रेंचाइजी ने केएल राहुल को 17 करोड़ रुपए में साइन किया था.
2021 की नीलामी में राजस्थान रॉयल्स (RR) ने ऑलराउंडर क्रिस मॉरिस को 16.25 करोड़ रुपए में खरीदा था. आईपीएल नीलामी में किसी खिलाड़ी के लिए यह सबसे ऊंची बोली थी. खास बात यह रहा कि मॉरिस का बेस प्राइस 75 लाख रुपए था. युवराज सिंह को 2015 में दिल्ली कैपिटल्स ने 16 करोड़ रुपए में खरीदा था. वहीं 2020 के आईपीएल नीलामी में मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट कप्तान पैट कमिंस को कोलकाता नाइट राइडर्स ने 15.5 करोड़ रुपए में खरीदा था.
590 खिलाड़ी रेस में
बीसीसीआई की ओर से जारी सूची के मुताबिक 590 खिलाड़ी इस बार मेगा ऑक्शन में उतरेंगे. जिन 590 क्रिकेटर्स की बोली लगने जा रही है, उसमें 228 कैप्ड और 355 अनकैप्ड प्लेयर्स हैं. इनके अलावा 7 खिलाड़ी एसोसिएट देशों से भी हैं. ऑक्शन में 370 भारतीय खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं, वहीं विदेशी खिलाड़ियों की संख्या कुल 220 है. विदेशी खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा ऑस्ट्रेलिया के 47 प्लेयर्स को जगह मिली है. इसके बाद वेस्टइंडीज (34) और साउथ अफ्रीका (33) जैसे मुल्क का नंबर आता है.
इस लिस्ट में 48 खिलाड़ी दो करोड़ रुपये के बेस प्राइस वाले हैं. वहीं, 20 खिलाड़ियों का बेस प्राइस डेढ़ करोड़ रुपए है. साथ ही, 34 खिलाड़ियों का बेस प्राइस एक करोड़ रुपये है. बेस प्राइस का मतलब है कि इन खिलाड़ियों पर शुरुआती दौर में बोली की शुरुआत इसी निर्धारित राशि से होगी.
वॉर्नर, धवन पर होंगी नजरें
ऑक्शन लिस्ट में श्रेयस अय्यर, शिखर धवन, रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद शमी, ईशान किशन, अजिंक्य रहाणे, सुरेश रैना, युजवेंद्र चहल जैसे देशी स्टार खिलाड़ियों का नाम शामिल है. वैसे सबकी खास नजरें शिखर धवन, श्रेयस अय्यर, शार्दुल ठाकुर और दीपक चाहर जैसे खिलाड़ियों पर सबसे ज्यादा रहेंगी. धवन और अय्यर पिछले सीजन में दिल्ली कैपिटल्स टीम का हिस्सा थे. वहीं शार्दुल और दीपक चेन्नई का अंग थे.
विदेशी खिलाड़ियों में डेविड वॉर्नर, फाफ डू प्लेसिस, पैट कमिंस, कैगिसो रबाडा,, क्विंटन डि कॉक, जॉनी बेयरस्टो, जेसन होल्डर जैसे स्टार्स अपनी चमक बिखेरने को तैयार हैं. इनमें से डेविड वॉर्नर पर फ्रेंचाइजी टीमों की खास निगाहें होंगी. वॉर्नर आईपीएल इतिहास के सफल सफल विदेशी बल्लेबाजों में से एक रहे हैं. साथ ही, वह अपनी कप्तानी में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) को चैम्पियन भी बना चुके हैं.
10 टीमों ने ऑक्शन से पहले कुल 33 खिलाड़ियों को रीटेन/साइन करने का फैसला किया था. इसी कड़ी में आठ पुरानी टीमों ने 27 खिलाड़ियों को रीटेन किया. वहीं दो नई टीमों अहमदाबाद और लखनऊ ने छह खिलाड़ियों को शामिल किया. इन 33 खिलाड़ियों में केएल राहुल को लखनऊ फ्रेंचाइजी ने सबसे ज्यादा 17 करोड़ रुपए में अपनी टीम के साथ जोड़ा है.